Thursday, October 12, 2023

मन के मोती - भाग -१

 

गूगल भये सबसे बड़े गुरु , फेसबुक बिछुड़े मिलाय। 

घोर सच है अब , अंतरजाल पटल बिन रहा न जाय ।१।

 

लद गए जमाने धीरज के, अब न धैर्य-संयम बरता जाय। 

एक क्लिक पर दुनिया सामने , जो चाहे वो हो जाय।२।

 

बदल गयी है दुनिया , बदल गए है सब लोक । 

बदले नहीं जो अब भी , "पागल " कहते लोग। ३।

 

दौड़ लगी बड़ी भयंकर , कोई कैसे क्यों पीछे छूट जाय।

साम -दंड -भेद सब , पाप -पुण्य चिंता किसको सताय। ४।  

 


कह विधान नौकरी का -" हाँ जी " की नौकरी , "ना जी " का घर।
करता कोई काम मेहनत-लगन से, लेकिन चाटुकारों की जय -जय।५।

 

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