गूगल भये सबसे बड़े गुरु , फेसबुक बिछुड़े मिलाय।
घोर सच है अब , अंतरजाल पटल बिन रहा न जाय ।१।
लद गए जमाने धीरज के, अब न धैर्य-संयम बरता जाय।
एक क्लिक पर दुनिया सामने , जो चाहे वो हो जाय।२।
बदल गयी है दुनिया , बदल गए है सब लोक ।
बदले नहीं जो अब भी , "पागल " कहते लोग। ३।
दौड़ लगी बड़ी भयंकर , कोई कैसे क्यों पीछे छूट जाय।
साम -दंड -भेद सब , पाप -पुण्य चिंता किसको सताय। ४।
कह विधान नौकरी का -" हाँ जी " की नौकरी ,
"ना जी " का घर।
करता कोई काम मेहनत-लगन से, लेकिन चाटुकारों की
जय -जय।५।
ग़ज़ब
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