Saturday, November 11, 2023

इनायत

 

सबका अपना -अपना सफर ,

सबकी अपनी -अपनी दौड़ ,

सबके अपने -अपने सुःख -दुःख ,

सबकी अपनी -अपनी ठौर। 

 

कौन कहाँ से चला -कहाँ तक पहुँचा ,

सबकी अपनी -अपनी कहानी,

गुजरता रहेगा जिंदगी का कारवाँ ,

इक अनुभव का नाम ज़िंदगानी।  

 

कौन मिला , कौन बिछड़ा ,

क्या हार हुई , जीत क्या हुई ,

कितनों को मुस्कान दी ,

यही इस  सफर की कमाई। 

 

वक्त जो मिला है , नियामत है ,

उधार की साँसे , किराये का घर है ,

खोने जैसा कुछ भी नहीं यहाँ ,

जो मिला है , वो भी इनायत है। 

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