Saturday, December 20, 2025

कहो

 


कहो ,

जो दिल में है , कहो,

कोई सुनने वाला न भी हो ,

तब भी कहो ,

अनकही बातें ,

दिल से होते हुए ,

दिमाग में घुस जाती है ,

और कारण बन जाती है ,

अवसादों के ,

और अवसाद में पड़कर ,

धीरे -धीरे शरीर भी ,

कमजोर होने लगता है ,

कहो ,

कोई न मिले ,

तो दीवारों से कहो ,

किसी पहाड़ी में जाकर ,

जोर से कहो ,

कोई नहीं भी सुनेगा तो ,

प्रकृति सुन लेगी ,

और मन , दिमाग , शरीर ,

सब हल्का होकर ,

आराम देगा ,

खाली हुई जगह में ,

नई ऊर्जा और ,

नया सामर्थ्य भरेगा,

मन से ,

दिमाग से ,

गुबार निकाल देने वाले ,

अक्सर ज्यादा जीते है ,

और स्वस्थ रहते है।    

No comments:

Post a Comment