उसका आँगन गूजता था बच्चों के शोर से , वो दोड़ती थी बच्चों के पीछे ,
शोर से आसमान गूजता था,
बच्चों के साथ उस माँ का वक़्त यु ही गुजरता था,
माँ सोचती थी कब बच्चे बड़े होंगे और उसके सपने भी पूरे होंगे,
सोचते सोचते बच्चे कब बड़े हुए, उसको भी पता ना चला.
सब निकल गए घर से एक दिन, उसका आँगन सूनसान हुआ.
आज वो संभालती है हर याद को , निहारती हैं अपनी दीवारों को,
हर जगह से उसके बच्चों की यादे जुडी पड़ी हैं.
वो आँखों से आँसू पीकर चुपचाप ज़माने से लड़ती हैं.
आती हैं कोई खबर दूर परदेश से, तो आसूँ छलका देती हैं,
रात को सोने से पहले , ना परेशां हो मेरे बच्चे , अपने बच्चों के बिछुडन का दर्द सहती हैं.
करती हैं कभी सवाल ज़िन्दगी से , फिर खामोश हो जाती हैं.
नियति को यही था मंजूर , पल्लू ढाके सो लेती हैं.
लगाती हैं जब हिसाब किताब ज़िन्दगी का, खोने का पलडा भारी पाती हैं.
हर रोज़ फिर आस में जीती हैं, काश कुछ ऐसा कर दे भगवान ,
किल्कारिया फिर सुना दे भगवान, भर दे फिर उसका आँगन,
अब जहाँ सूनेपन की आवाज़ भी सुनाई देती हैं.
वो बुडी माँ का दर्द ना जाने भगवान भी नहीं सुनता हैं,
वो पथराई आँखों से फिर भी हर जगह अपने बच्चों के निशान खोजती हैं.
बच्चे जब तक दर्द समझे , वो बिछुरन की आदी हो जाती हैं.
अब उसको कोई दर्द नहीं सालता , वो बैरागी हो जाती हैं.
मत करना भगवान किसी माँ को उसको बच्चों से दूर,ये सजा जीते जी मरने की हैं,
तेरा रूप हैं वो धरती पर , ये सजा मंजूर नहीं हैं.
चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है. सार्थक लेखन हेतु शुभकामनाएं. लिखते रहिये.
ReplyDelete---
Till 25-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर]
great, welcome
ReplyDeleteइस जगत में आपका स्वागत है ।
ReplyDeleteहुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.........
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं....
अच्छी कोशिश है आपकी .. ब्लाग जगत में स्वागत है आपका .. भविष्य के लिए ढेर शुभकामनाएं !!
ReplyDeletenice one.narayan narayan
ReplyDeleteduniya aisi hi chali jaa rahi hai!... yathaarth rachanaa!
ReplyDeleteapka swagat hai...........
ReplyDeleteआपका स्वागत है
ReplyDeleteआपको पढ़कर अच्छा लगा
शुभकामनाएं
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Uff ! Padhke mujhe mere aalekh yaad aa gaye " Laut aao mere ladlon ,aankhen thak na jayen" 'Ja ud ja re panchhee", " maa, pyaree maa," "Matru diwas"( ek din maa kaa"), "royeen aankhen magar"...
ReplyDeleteAapki is rachna ne rula diya...
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" bahut hi badhiya , shandar rachana "
ReplyDelete" aapka hamare blog
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चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.भाव बहुत सुन्दर है। निवेदन है मेरे ब्लोग पर आने का स्वीकार करें।
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