निकल पड़ा हूँ लेखन यात्रा में , लिए शब्दों का पिटारा !
भावनाओ की स्याही हैं , कलम ही मेरा सहारा !!
Wednesday, September 23, 2009
कारवां जारी हैं ……..
आ जाओ अगर साथ चलना हैं, मिल कर सफ़र तय कर लेंगे, ज़िन्दगी की इस सफ़र में, थोडी देर साथ चल लेंगे, कुछ तुम अपनी कहना , कुछ तुम्हे हम सुनायेंगे , इस पथ के पथिक बन कर, फिर भले ही तुम साथ छोड़ देना, मुझे तो चलना हैं ही, क्यूंकि मेरा कारवां जारी हैं !
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