" जब मैं पीछे मुड़के देखता हूँ तो में अपने पीछे उन तमाम लोगो का हुजूम देखता हूँ जो मेरी इस ज़िन्दगी को बनाने में किसी न किसी रूप में सहायक बने. किसी ने मुझे प्रेरणा दी, किसी से मैंने सबक सीखा ! सोचिये ! हम अपनी इस जीवन यात्रा में कितने लोगो के कर्ज़दार हैं और हम समझते हैं की इस ज़िन्दगी पर सिर्फ और सिर्फ हमारा हक हैं , हमें अपने जीवन में कुछ तो ऐसे मूल्य स्थापित करने पड़ेगे , जिससे हम दुसरो लोगो के क़र्ज़ को कम कर सके. "
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