बीत गया एक और साल,
पीछे छोड़ यादों का सैलाब,
कितनी अच्छी यादो का था ये साल,
कितनी बार रोया होगा दिल जार जार.
जैसा भी रहा यादगार रहा ये साल.
अब नूतन वर्ष के आगमन की हैं तैयारी ,
फिर से जाग गए हैं हजारो अरमान,
एक आश सी बंध गयी हैं फिर से,
लौट आ गया फिर से खुमार.
जो अधुरा रह गया हैं,
पूरा करेंगे अब इस साल.
नए सपनो में रंग भरेंगे,
नए ज़ज्बातों का नया साल !
ले कर आये खुशियाँ सबके जीवन में ,
न हो कोई दिल उदास,
२०१० मंगलमय हो ,
'आनंद' करे प्रभु से यही गुहार.
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