Monday, March 7, 2011

वो बदलेंगे तो हम बदलेंगे.......

वो बदलेंगे तो हम बदलेंगे,


बदलने की ये बयार बदलने का नाम नहीं लेती,

न वो बदलने को तैयार,

हमारी झिझक हमें पीछे खिचती,

शायद इसी कशमकश में,

बदलाव की आंधी कभी नहीं चलती.

हम रोज़ यु ही जीते चलते हैं ,

बुरा होते देख कर भी अपना इससे क्या लेना यार !

आगे बड़ लेते हैं.

जब हम पर बीतती हैं कभी,

तो हम "ज़माना कितना संवेदनहीन हो गया हैं " सोचते हैं.

यक्ष प्रश्न यह है - की बदलाव की आंधी लायेगा कौन,

ताकते रहे यु ही मुहं एक दुसरे का हम,

जमाने बीत जायेंगे.

मन में एक टीस सी लिए मर जायेंगे.

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