वो बदलेंगे तो हम बदलेंगे,
बदलने की ये बयार बदलने का नाम नहीं लेती,
न वो बदलने को तैयार,
हमारी झिझक हमें पीछे खिचती,
शायद इसी कशमकश में,
बदलाव की आंधी कभी नहीं चलती.
हम रोज़ यु ही जीते चलते हैं ,
बुरा होते देख कर भी अपना इससे क्या लेना यार !
आगे बड़ लेते हैं.
जब हम पर बीतती हैं कभी,
तो हम "ज़माना कितना संवेदनहीन हो गया हैं " सोचते हैं.
यक्ष प्रश्न यह है - की बदलाव की आंधी लायेगा कौन,
ताकते रहे यु ही मुहं एक दुसरे का हम,
जमाने बीत जायेंगे.
मन में एक टीस सी लिए मर जायेंगे.
बदलने की ये बयार बदलने का नाम नहीं लेती,
न वो बदलने को तैयार,
हमारी झिझक हमें पीछे खिचती,
शायद इसी कशमकश में,
बदलाव की आंधी कभी नहीं चलती.
हम रोज़ यु ही जीते चलते हैं ,
बुरा होते देख कर भी अपना इससे क्या लेना यार !
आगे बड़ लेते हैं.
जब हम पर बीतती हैं कभी,
तो हम "ज़माना कितना संवेदनहीन हो गया हैं " सोचते हैं.
यक्ष प्रश्न यह है - की बदलाव की आंधी लायेगा कौन,
ताकते रहे यु ही मुहं एक दुसरे का हम,
जमाने बीत जायेंगे.
मन में एक टीस सी लिए मर जायेंगे.
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