ना उम्मीदी के इस दौर में ,
फिर भी गाहे बगाहे कुछ,
सूरज की किरणे बिखर ही जाती हैं,
जो शायद हमें फिर से कुछ करने की,
प्रेरणा दे जाती हैं.
कभी डूबते सूरज को देख कर एहसास होता हैं,
जैसे ये अपने में समेट कर कितने राज ,
कितनो पलो की सौगात लिए छुप जाता हैं,
शायद उनको अच्छे बुरे में छाटने के लिए ,
एकांत में चला जाता हैं.
अवसाद बुरा नहीं हैं जीवन में,
अगर हम में लड़ने की क्षमता हैं,
जिजीविषा जीवन की यही तो हैं,
की हर हालात में खुद को बुलंद रखना हैं.
फिर भी गाहे बगाहे कुछ,
सूरज की किरणे बिखर ही जाती हैं,
जो शायद हमें फिर से कुछ करने की,
प्रेरणा दे जाती हैं.
कभी डूबते सूरज को देख कर एहसास होता हैं,
जैसे ये अपने में समेट कर कितने राज ,
कितनो पलो की सौगात लिए छुप जाता हैं,
शायद उनको अच्छे बुरे में छाटने के लिए ,
एकांत में चला जाता हैं.
अवसाद बुरा नहीं हैं जीवन में,
अगर हम में लड़ने की क्षमता हैं,
जिजीविषा जीवन की यही तो हैं,
की हर हालात में खुद को बुलंद रखना हैं.
क्या बात है..बहुत खूब....बड़ी खूबसूरती से दिल के भावों को शब्दों में ढाला है.
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