बॉस ने बुलाया उसको और कहा,
" तुम्हारा ध्यान नहीं हैं काम पर आजकल ,
सब टार्गेट फेल हो रहे हैं .
नए कस्टमर तुम जोड़ नहीं रहे हो,
पुराने तुम्हारे से माल खरीद नहीं रहे हैं,
तुम कर क्या रहो हो आजकल "
उसने जवाब दिया ,
" पुराने कस्टमर तो इसलिए आर्डर नहीं दे रहे हैं क्यूंकि ,
पहले तो हम उनको टाइम पर माल नहीं देते
और देते हैं तो क्वालिटी का हमारे कोई भरोसा नहीं होता ,
रही बात नए कस्टमर की, रोज़ नए नए कस्टमर के पास जाता हूँ,
अपनी कंपनी का नाम लेता हूँ तो वो भड़क जाते हैं ,
स्कीमे चलाते हो - अपने प्रोडक्ट के साथ टेडी बीयर देते हो.
रही बात टार्गेट की , आपने पूरी टीम का टार्गेट मेरे ऊपर लाद दिया हैं ,
पूरा हो गया तो आपकी जय जय कार होती हैं ,
इन्क्रीमेंट आपका बढ़िया होता हैं और मैं सिर्फ ताकता रहता हूँ.
रही बात ध्यान की, वो मैं भी लगाना चाहता हूँ.
मगर न आप लगाने देते हो और न घर वाले ,
आप एक काम को पूरा करने नहीं देते हो की ,
अगला पकड़ा देते हो ,
घर वाले कहते हैं नौकरी बदल ले ,
इतना काम के बदले तुझे देते क्या हैं ?
तेरे दोस्त तुझसे ज्यादा कमाते हैं ."
रूआंसा सा होकर वो केबिन से निकला ,
थोडा संतोष था की जो बात इतने दिलो से कह नहीं पा रहा था,
आज कम से कम बॉस को बता तो दी,
पता हैं होना कुछ भी नहीं हैं ,
मगर अपने दिलोदिमाग से थोडा बोझ शिफ्ट तो हुआ.
उधर बॉस भी सोच रहा था ,
कितनी सही बात कह गया वो,
मेरी तो हालात उससे बदतर हैं ,
वह अपनी भड़ास मुझ पे निकाल गया ,
अब मैं किस पे निकालू , सोच रहा था.
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