जय हो , गणतंत्र !
राजपथ
पर देखकर वैभव हर साल निहाल होता हूँ !
देश मेरा तरक्की पर हैं , हर बार सोच लेता हूँ !!
सैन्य शक्ति देखकर सीमाओ को सुरक्षित समझ लेता हूँ !
रंग बिरंगा राजपथ देखकर "देश
मेरा एक हैं " जान
लेता हूँ !!
यक्ष प्रश्न फिर भी हर रोज़ परिलक्षित होता हैं !
"सब
कुछ ठीक हैं जब " मेरे
देश में , फिर हर रोज़ हंगामा क्यों होता हैं ? !!
काश ! हम गणतंत्र को समझ पाते !
लाखो कुर्बानियो का महत्व जान पाते !!
गणतंत्र के पावन ग्रन्थ - संविधान को समझ पाते !
अधिकारों की
हर बार बात करने वाले कर्तव्यो को भी निभाते !!
६६ वर्ष बीत गए - हम कहाँ से कहाँ पहुँच गए ?
चले थे किस ओर हम , किस ओर पहुँच गए ?
जनता से , जनता द्वारा , जनता के लिए - जनसेवको को देश चलाना था
!
जनता को देश विकास में अपना हिस्सा निभाना था !!
धर्म , जात पात , ऊँच - नीच , अगड़ो - पिछडो का भेद मिटाना था !
भारत माँ के गौरव का रथ आगे बढ़ाना था !!
मुबारक हो गणतंत्र सबको
, एक और सरकारी छुट्टी आयी हैं !
देश को चलाने का ठेका नेताओ को देकर , हमने चैन की नींद पायी हैं !
जय हो , गणतंत्र !
जय हो
, गणतंत्र !
जय हो
, गणतंत्र !
बहुत खूब आनंद जी.......जय हिंद
ReplyDeleteजय हो गणतंत्र । बहुत खूब जीजी जी।
ReplyDeleteजय हिंद जय भारत जय गणतंत्र दिवस
ReplyDeleteआज के अवसर पर आपने बहुत खूबसूरत लिखा है1
Bht bhadiya Anand Ji..... Jai Hind Jai Bharat
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