एक कोशिश हुई कुछ बदलने की ,
जो हम दिल से चाहते हैं !
किसी ने तो पहल की वो दुनिया बनाने की ,
जिसमे हम रहना चाहते हैं !!
बदलाव की बयार बह रही हैं ,
हमें भी कुछ बदलना होगा !
अपने " आने वाले कल" के लिए,
" आज " संघर्ष करना होगा !!
देश आज दोराहे पर खड़ा हैं ,
कोई रास्ता तो चुनना होगा !
या तो ऐसे ही चलते रहो ,
या फिर परिवर्तन का हिस्सा बनना होगा !!
बेशक अभी परेशानी बहुत हैं ,
हर तरफ हाहाकार हैं !
लोगो के सब्र का ये कड़ा इम्तेहान हैं ,
" देश " के लिए आज यही तो बलिदान हैं !!
No comments:
Post a Comment