ज़िन्दगी क्या है ?
हसरतो के समंदर में ,
उम्मीदों के गोते है ,
कभी हाथो में मोती ,
कभी खाली हाथ भी लौटे है।
ज़िन्दगी क्या है ?
सपनो के आसमान में ,
हौंसलो के पंख है ,
कभी क्षितिज के उस पार तक जाने की ललक ,
कभी थोड़ा पँख फड़फड़ाने से थकान है।
ज़िन्दगी क्या है ?
अपेक्षाओं के धरातल में ,
रिश्तो का जाल है ,
कभी खरे उतरते ,
कभी दुःख का जंजाल है।
ज़िन्दगी क्या है ?
भावनाओ के पहाड़ में ,
आत्मबल का साथ है,
कभी गिरे , कभी चढ़े
चलते रहने का नाम है।
ज़िन्दगी क्या है ?
ईश्वर की रहमतो में ,
एक नायाब वरदान है ,
कभी बोझ , कभी फूलो सी सेज ,
सबकी अपनी अपनी पहचान है।
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