Thursday, June 14, 2018

ज़िन्दगी क्या है ?


ज़िन्दगी क्या है ?
हसरतो के समंदर में , 
उम्मीदों के गोते है , 
कभी हाथो में मोती , 
कभी खाली हाथ भी लौटे है।  

ज़िन्दगी क्या है ?
सपनो के आसमान में , 
हौंसलो के पंख है , 
कभी क्षितिज के उस पार तक जाने की ललक , 
कभी थोड़ा पँख फड़फड़ाने से थकान है।  

ज़िन्दगी क्या है ? 
अपेक्षाओं के धरातल  में , 
रिश्तो का जाल है , 
कभी खरे उतरते , 
कभी दुःख का जंजाल है।  

ज़िन्दगी क्या है ?
भावनाओ के पहाड़ में , 
आत्मबल का साथ है,
कभी गिरे , कभी चढ़े 
चलते रहने का नाम है।  

ज़िन्दगी क्या है ?
ईश्वर की रहमतो में , 
एक नायाब वरदान है ,
कभी बोझ , कभी फूलो सी सेज ,
सबकी अपनी अपनी पहचान है।  

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