तेरे हाथ गंदे ,
मेरे हाथ साफ़ ,
तेरे कुर्ते में दाग ,
मेरा कुर्ता साफ़।
तेरा खानदान ऐसा ,
मेरा खानदान बेदाग़ ,
तेरे पास दस बँगले ,
मेरे पास सरकारी मकान।
तू महाझूठा ,
मैं सच्चा,
तू मेरे लिए जहर उगल ,
मैं तुझे गालियाँ ।
तू उलझाये रख जनता को किसी बात पर
,
मैं नया मुद्दा खोजता हूँ ,
तू जीत , या मैं जीतू ,
तू मेरा ध्यान रखना और मैं तेरा रखता
हूँ।
जनता का ध्यान कहीं,
असल मुद्दों पर न चला जाये ,
चल रोज़ नया बखेड़ा करते है ,
आओ , मिलकर चुनाव -चुनाव खेलते है।
चित्र साभार - गूगल
Reality of today's politics
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