Sunday, June 8, 2025

शनैः शनैः

 शनैः शनैः , 

हम धैर्य खो रहे है , 

हम संयम खो रहे है , 

हम विश्वास खो रहे है , 

हम आस खो हो रहे है।  


शनैः शनैः , 

हम ईश्वर को भूल रहे है , 

हम रिश्ते भूल रहे है , 

हम मानवता भूल रहे है , 

हम करुणा , दया भूल रहे है।  


सच ये भी है  , 

धरती पर मानव सभ्यता , 

इन्ही गुणों से शताब्दियों तक , 

बची रही है।  

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