Saturday, June 28, 2025

घर

 


जिसके किसी भी कोने में सुकून आ जाये ,

जिसके दीवारों से अपने बचपन की खुशबू आये ,

जिसके आँगन में अभी भी बचपन अटका हो ,

जिसके जर्रे जर्रे पर माता -पिता का अक्स नजर आये ,

जिसके हर कमरे की एक कहानी हो ,

जिसके दरख्तों पर छुपी कोई निशानी हो ,

जिसकी अलमारियों में बंद कई यादें हो ,

जिसकी दहलीज पर माँ का मन बसता हो ,

जिसकी फुलवारियों पर पिता की छाया हो ,

जिसकी नींव पर पूर्वजों का आशीर्वाद हो ,

वो " घर " होता है , बाकी तो  मकान होते है। 

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