Friday, July 11, 2025

महत्व

 

रात ने कभी सुबह से शिकायत नहीं की ,

सुबह ने रात को कभी नहीं चिढ़ाया ,

दोनों को पता है महत्व इक दूजे का ,

इक दूसरे के बिना अस्तित्व कहाँ उनका। 

 

उतार -चढ़ाव भी तो ऐसे ही जीवन चक्र में ,

एहसासों के अनुभव से गुजरने का सफर सारा ,

मुक्कमल सफ़र -ऐ -ज़िन्दगी तो वही जहाँ में ,

कर्मफल जो मिला , जिसने दिल से स्वीकारा। 

1 comment: