बहुत दूर जाना हैं अभी , अभी तो कदम उठाये हैं !
पता हैं रास्ते आसान नहीं होंगे, मगर इरादे पक्के हैं !!
न मानूँगा हार मंजिल से पहले , क्यूंकि पलट कर जाने का अब कोई इरादा नहीं हैं !
इम्तेहान अब मेरे हौंसले और मेरी मंजिल का हैं , बस अब आगे ही बढ़ते रहना हैं !!
क्या बात है!!!!!! मंजिल तो मिल जाएगी एक न एक दिन
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