Sunday, June 21, 2015

मैं उम्मीद में जीता हूँ......





"मैं उम्मीद में जीता हूँ  , हर इंसान में भगवान देखता  हूँ !
अच्छा - बुरा  कोई जन्म से नहीं होता , हालातो के असर इंसानो में देखता हूँ !!

उजाले में भी दीया जलाकर रखने की आदत हैं मेरी , क्यूंकि उजाले में भी आँख बंद किये लोगो को देखता हूँ !
दुनिया जिन्हे लाख बुरा कहती हैं उनकी आँखों की कोरे में हलकी पानी की लकीर देखता हूँ !!

बुराई पर अच्छाई की जीत का गवाह है इतिहास , बुरे लोगो को भी सद्ज्ञान देते सुना हूँ !
इंसानियत काबिज रहेगी दुनिया में ताउम्र , इसी उम्मीद में हर रोज़ अपनी आँखे  खोलता हूँ !!

जीवन जीना हर कोई चाहता हैं और सबको उस " एक खुदा " की संतान समझता हूँ !
सबका जीवन बेहतर हो और सबको जिंदगी को  मायने मिले - हरदम यही दुआ करता हूँ !!

मैं उम्मीद में जीता हूँ  , हर इंसान में भगवान देखता  हूँ !
अच्छा - बुरा  कोई जन्म से नहीं होता , हालातो के असर इंसानो में देखता हूँ !!"

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