"मैं उम्मीद में जीता हूँ , हर इंसान में भगवान देखता हूँ !
अच्छा - बुरा कोई जन्म से नहीं होता , हालातो के असर इंसानो में देखता हूँ !!
उजाले में भी दीया जलाकर रखने की आदत हैं मेरी , क्यूंकि उजाले में भी आँख बंद किये लोगो को देखता हूँ !
दुनिया जिन्हे लाख बुरा कहती हैं उनकी आँखों की कोरे में हलकी पानी की लकीर देखता हूँ !!
बुराई पर अच्छाई की जीत का गवाह है इतिहास , बुरे लोगो को भी सद्ज्ञान देते सुना हूँ !
इंसानियत काबिज रहेगी दुनिया में ताउम्र , इसी उम्मीद में हर रोज़ अपनी आँखे खोलता हूँ !!
जीवन जीना हर कोई चाहता हैं और सबको उस " एक खुदा " की संतान समझता हूँ !
सबका जीवन बेहतर हो और सबको जिंदगी को मायने मिले - हरदम यही दुआ करता हूँ !!
मैं उम्मीद में जीता हूँ , हर इंसान में भगवान देखता हूँ !
अच्छा - बुरा कोई जन्म से नहीं होता , हालातो के असर इंसानो में देखता हूँ !!"
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