Wednesday, November 1, 2017

लक्ष्य


कोशिश तो कर , 
मंजिल मिलेगी जरूर।  

हौंसला रख , 
समय बदलेगा जरूर।  

कर्म पर विश्वास रख , 
हथेली की रेखाये बदलेंगी जरूर।  

परिश्रम की ताकत गजब , 
मरुस्थल से भी पानी निकलेगा जरूर।  

हुनर पर भरोसा रख , 
किस्मत बदलेगी जरूर।  

स्वयं को पहचान , 
पहचान बनेगी जरूर।  

लक्ष्य गर साफ़ है , 
तो पहुँचेगा जरूर।  

1 comment:

  1. शानदार और प्रेरणादायी रचना।

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