निकल पड़ा हूँ लेखन यात्रा में , लिए शब्दों का पिटारा ! भावनाओ की स्याही हैं , कलम ही मेरा सहारा !!
ई एम आई की चिंता ,
बच्चों की पढ़ाई ,
सिर के ऊपर एक छत ,
एक चार पहिया गाड़ी ,
पूरी ज़िन्दगी गुजर जाती है ,
कुछ की पूरी हो पाती है ,
कुछ की ताउम्र अधूरी।
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