Tuesday, January 28, 2025

महाकुंभ

 



आस्था और विश्वास का इक ज्वार है ,

कुंभ परम्पराओं  का स्वर्ग द्वार है ,

डुबकी सिर्फ मोक्ष के लिए नहीं है ,

वैतरणी पहुँचने का इक मार्ग है।

 

सकल सनातन का मूल है ,

कुंभ समागम सम्पूर्ण है ,

स्वंय के लिये इक पुण्य है ,

जगत कल्याण ही मूल्य है।

 

कुंभ आस्था का सैलाब है ,

कुंभ सनातन का सार है ,

कुंभ परम्पराओं का नाद है ,

कुंभ ही विश्वास का नाम हैं।

 

नक्षत्रों का अद्धभुत खेल है ,

संगम पर अध्यात्म का मेल है ,

दिव्य,आलौकिक त्रिवेणी संगम तट,

रज -रज पुण्य धाम है।

 



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