आस्था और विश्वास का इक ज्वार है ,
कुंभ परम्पराओं का स्वर्ग द्वार है
,
डुबकी सिर्फ मोक्ष के लिए नहीं है ,
वैतरणी पहुँचने का इक मार्ग है।
सकल सनातन का मूल है ,
कुंभ समागम सम्पूर्ण है ,
स्वंय के लिये इक पुण्य है ,
जगत कल्याण ही मूल्य है।
कुंभ आस्था का सैलाब है ,
कुंभ सनातन का सार है ,
कुंभ परम्पराओं का नाद है ,
कुंभ ही विश्वास का नाम हैं।
नक्षत्रों का अद्धभुत खेल है ,
संगम पर अध्यात्म का मेल है ,
दिव्य,आलौकिक त्रिवेणी संगम तट,
रज -रज पुण्य धाम है।
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