कितना अच्छा हो जायेगा ,
हमारा सब काम ए आई से हो जायेगा ,
हमारे सारे सवालों का उत्तर ,
ए आई बड़ी सटीकता से देगा ,
कितना अच्छा हो जायेगा ,
हम कही फँसे तो ,
ए आई हमें रास्ता दिखायेगा ,
कितना अच्छा हो जायेगा ,
बीमारी में वो हमें ,
सबसे अच्छी दवा सुझायेगा ,
कितना अच्छा होगा ,
हमारा हिसाब किताब भी वही रखेगा ,
कितना अच्छा होगा ,
जब वो हमारे सारे दिमागी काम ,
ए आई खुद कर देगा ,
कितना अच्छा होगा ,
स्कूलों में ए आई पढ़ायेगा ,
कितना आराम होगा ,
जब सारे मुश्किल प्रश्न ,
ए आई झटपट सुलझायेगा ,
कितना अच्छा होगा ,
जब वो हमारे अच्छे -बुरे सब में ,
हमारे साथ हमारे दोस्त की तरह होगा,
कितना अच्छा हो जायेगा ,
जब ए आई का साथ ही काफी होगा ,
क्या फर्क पड़ेगा ?
जब हम अपनी अक्ल का इस्तेमाल ,
करना भूल जायेंगे ,
दिमाग हमेशा स्थिर हो जायेगा ,
सोचने समझने के क्रम में जो ,
विकसित हुआ था मस्तिष्क हमारा ,
फिर से सिफ़र हो जायेगा ,
ए आई जिस दिन ठहरेगा ,
वही दिन क़यामत का दिन होगा।
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