मुकर्रर है वक्त हर चीज़ का ,
बेवज़ह बैचनीयाँ फिजूल है ,
कर्मों पर ही बस हक़ हमारा ,
चलते रहना जरुरी हैं।
वक़्त तोलता है , परखता है
किस्मत अपना खेल खेलती है ,
सबसे कमजोर क्षण देकर ,
उजला दरवाजा खोलती है।
बिना कारण कुछ नहीं घटता ,
हर घटना का इक उद्देश्य है ,
उतार -चढ़ाव पाठ ज़िन्दगी के ,
जीवन ईश्वर का सन्देश हैं।
जीवन नाजुक साँसो की डोर ,
वक्त सबका बहुत सीमित है ,
क़द्र कर वक्त की "आनन्द " ,
हर क्षण जीवन से भरपूर है।
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