Wednesday, August 20, 2025

संदेश

 

मुकर्रर है वक्त हर चीज़ का ,

बेवज़ह बैचनीयाँ फिजूल है ,

कर्मों पर ही बस हक़ हमारा ,

चलते रहना जरुरी हैं। 

 

वक़्त तोलता है , परखता है 

किस्मत अपना खेल खेलती है ,

सबसे कमजोर क्षण देकर ,

उजला दरवाजा खोलती है। 

 

बिना कारण कुछ नहीं घटता ,

हर घटना का इक उद्देश्य है ,

उतार -चढ़ाव पाठ ज़िन्दगी के ,

जीवन ईश्वर का सन्देश हैं। 

 

जीवन नाजुक साँसो की डोर ,

वक्त सबका बहुत सीमित है ,

क़द्र कर वक्त की "आनन्द " ,

हर क्षण जीवन से भरपूर है। 

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