Wednesday, August 6, 2025

जल्दी

हम सब आजकल , 

बहुत जल्दी में है , 

घर में , 

दफ्तर में , 

सड़क में , 

काम में , 

और यही जल्दी , 

हमारा धैर्य , 

खा रही है , 

हम उग्र हो रहे है , 

व्यग्र हो रहे है , 

और खो रहे है , 

मन की शांति , 

सुकून , 

और क्षय हो रहा है , 

हमारे शरीर का , 

हमारे मस्तिष्क का, 

ये जल्दी , 

धीरे -धीरे , 

घुन की भाँति , 

चट कर रही है , 

जीवन को।   

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