कारवां जारी हैं ..................
निकल पड़ा हूँ लेखन यात्रा में , लिए शब्दों का पिटारा ! भावनाओ की स्याही हैं , कलम ही मेरा सहारा !!
Monday, October 30, 2017
समाधान
कर वही ,
जो लगे सही ,
दिल की सुन
दिमाग की नहीं।
दिमाग
हिसाब किताब
करता है ,
और
दिल ,
ज़िन्दगी के लिए ,
वजह ,
ढूंढता है।
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