कारवां जारी हैं ..................
निकल पड़ा हूँ लेखन यात्रा में , लिए शब्दों का पिटारा ! भावनाओ की स्याही हैं , कलम ही मेरा सहारा !!
Tuesday, October 31, 2017
हौंसला और उम्मीद
हौंसला और उम्मीद रखिये ,
पत्थरो में भी फूल खिला करते है।
हैं अगर ज़िद्द मन में तो ,
जीवन के रास्ते खुद -ब -खुद खुलते है।
कौन रोक सकता है फिर उन हवाओ को ,
जो अपने अंदर तूफ़ान रखते है।
जिजीविषा जीवन की अदभुत है ,
कांटो से घिरकर ही गुलाब खिलते है।
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