बड़ी गजब हैं ये प्राइवेट नौकरी ! न सोने देती हैं , न जीने देती हैं !!
टारगेट का डर हर समय लगा रहता हैं ! न हँसने देती हैं , न खुल के रोने देती हैं !!
घर में बहू को एक सास से जैसे डर होता हैं ! प्राइवेट नौकरी वालो की ऑफिस में सासो की फ़ौज रहती हैं !!
HR वाला हरदम हड़काता रहता हैं ! खुद का बॉस जैसे हमें गालियाँ देने ही ऑफिस आता हैं !!
accounts के पास कोई बिल लेके जाओ तो वो घूरता हैं ! Peon से चाय मँगाओ तो "कितनी चाय पीते हो साहब " कह के चला जाता हैं !!
जूनियर रोज़ छुट्ठी के लिए आवेदन करते हैं ! हमारी छुट्ठी की application को बॉस रद्दी के टोकरे में डाल देता हैं !!
इन्क्रीमेंट के समय हिसाब किताब पूछा जाता हैं ! टारगेट पूरे क्यों नहीं हुए ? का बारह पन्नो का explanation देना पड़ता हैं !!
बीवी बच्चे भी अब ये कहते हैं ! रात में सपने में भी " जी सर " की रट क्यों लगाते हो !!
टारगेट का डर हर समय लगा रहता हैं ! न हँसने देती हैं , न खुल के रोने देती हैं !!
घर में बहू को एक सास से जैसे डर होता हैं ! प्राइवेट नौकरी वालो की ऑफिस में सासो की फ़ौज रहती हैं !!
HR वाला हरदम हड़काता रहता हैं ! खुद का बॉस जैसे हमें गालियाँ देने ही ऑफिस आता हैं !!
accounts के पास कोई बिल लेके जाओ तो वो घूरता हैं ! Peon से चाय मँगाओ तो "कितनी चाय पीते हो साहब " कह के चला जाता हैं !!
जूनियर रोज़ छुट्ठी के लिए आवेदन करते हैं ! हमारी छुट्ठी की application को बॉस रद्दी के टोकरे में डाल देता हैं !!
इन्क्रीमेंट के समय हिसाब किताब पूछा जाता हैं ! टारगेट पूरे क्यों नहीं हुए ? का बारह पन्नो का explanation देना पड़ता हैं !!
बीवी बच्चे भी अब ये कहते हैं ! रात में सपने में भी " जी सर " की रट क्यों लगाते हो !!
Good.
ReplyDeleteNear to reality.
Yours,
Deepak Singh Nagarkoti.