Thursday, December 8, 2022

प्रयास

 उम्मीद तब तक मत छोड़ो , 

जब तक अंतिम प्रयास न हो जाये, 

और अंतिम प्रयास ऐसा करो , 

वो प्रयास का पर्याय हो जाय। 


फँसे हो कभी घुप्प अंधेरों में , 

कोई जुगनू ही सहारा हो जाये , 

हो हार निश्चित तब भी , 

एक पुरजोर कोशिश की जाय।  


दुःखों का भँवरजाल हो सामने , 

"खड़े हो ", इसी का जश्न मनाया जाये , 

सफलता - असफलता जो मिले राहों में , 

"स्वीकार कर" , आगे बढ़ा जाय।   


सफर बढ़ रहा रोज़ आगे , 

क्या फर्क पड़ता है - कौन आगे , कौन पीछे 

जहाँ भी ख़त्म हो  सफर अपना  , 

वहाँ एक " शिलालेख " गढ़ जाय।