Monday, February 15, 2021

मेरी कवितायेँ

 

मुझे पता है मेरी कवितायें ,

व्याकरण के नियमों पर खरी नहीं उतरती ,

साहित्य के मापदंडो पर कही नहीं ठहरती ,

न कोई गूढ़ रहस्य उजागर करती है ,

मगर फिर भी मैं लिखता रहता हूँ,

बेतरीब, लिखना मुझे अच्छा लगता है,

एक अधूरापन , एक खालीपन

कुछ कमियाँ  जैसा मेरी कविताओं में झलकता है ,

वैसा ही तो जीवन भी होता है ,

सब कुछ पूर्ण हो जाता तो ,

फिर क्या कविता और क्या जीवन ,

पूर्णता के बाद फिर क्या बचता है। 

 

Tuesday, February 2, 2021

बजट और मिडिल क्लास

 

हर बार टकटकी लगती है ,

उस लाल पोथी पर ,

फिर उम्मीद बंधती है ,

मगर धराशायी होती है।

 

हमेशा बजट में ,

उच्च वर्ग या निम्न वर्ग ही ,

छाये रहते है ,

मिडिल क्लास वाले ,

जाने किस उम्मीद में रहते है।

 

लम्बा चौड़ा भाषण ,

हजारो करोड़ों का आबंटन ,

जाने किसके हिस्से आता है ,

मिडिल क्लास फिर टैक्स भरने ,

जी जान से लग जाता है।

 

हर बार की यही कहानी है ,

मिडिल क्लास के आँसू नहीं , पानी है ,

ठगा सा जाता है हर बार ,

एक और सेस भरने की तैयारी है

 

हर बजट ये कह जाता है ,

मध्यम वर्ग तुम संघर्ष करो ,

सरकार तुम्हारे ही साथ है ,

मेहनत करो , कमाओ और ईमानदारी से टैक्स भरो ,

तुम्हारे लिए बजट में बस यही प्रावधान है।