Saturday, December 9, 2023

समाज

 

समाज को ,

आज खतरा सिर्फ ,

बुरे लोगों से नहीं है ,

उससे ज्यादा खतरा ,

उन अच्छे लोगों से है ,

जो अच्छेपन की आड़ में ,

अंदर से बुरे है ,

और अपनी स्वार्थसिद्धि के लिये ,

इस लबादे के नीचे विष लिये है ,

न ये पहचाने जा रहे है ,

और न इनके पास बुरे होने का ,

कोई ठप्पा है,

धीरे -धीरे समाज को ,

यही लोग दीमक की तरह ,

चट रहे है ,

जो वाकई अच्छे है ,

वो खामोश है ,

और जो घोषित बुरे है ,

अच्छे दिन उन्ही के चल रहे है,

बाकी सब एक दूसरे का मुँह ,

जानबूझकर नहीं तक रहे है ,

कई वजहें सामाजिक है ,

और कई व्यक्तिगत है ,

समाज धीरे -धीरे ढल ही रहा है ,

चीजों को आत्मसात कर रहा है ,

और फिर शायद इक दिन ,

यही समाज आदर्श हो जायेगा।

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