Monday, August 5, 2024

शांति

 


 इंसान बमुश्किल शांति से रह सकता है ,

उसे शांति हजम नहीं होती ,

वो खुद को उलझा के रखना चाहता है ,

कभी युद्ध में , कभी विवादों में ,

कभी बेफिजूल बातों में ,

फिर भी वह शांति से जीना चाहता है ,

अपने स्वभाव के विपरीत ,

मगर जानते है कुछ लोग ,

उसके अंदर का यह सच ,

वो उठाते है इसका फायदा ,

अपने स्वार्थो के लिए ,

उलझाकर रखना चाहते है सबको ,

ताकि वो साबित कर सके खुद को ,

सबसे बड़ा हितैषी इंसानो का ,

और भोग सके वो तमाम सुख ,

जो पैदा हुए है शांति की राख पर। 

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