Thursday, February 21, 2019

कदम



रास्ते खुलेंगे , 
कदम तो बढ़ा , 
एक रास्ता बंद तो क्या , 
नए रास्ते बना।  

कम तू किसी से नहीं , 
'कमी तुझमे' ये भ्रम , 
कर सकता है सब कुछ , 
संकोच मत रख कोई मन में।  

रोड़े आयेंगे राहो में , 
सब्र का इम्तेहां होगा , 
हौंसला तुलेगा ज़िन्दगी तराजू में ,
तब "तू" निखरेगा।  

गढ़ेगा तेरे नाम का पत्थर भी , 
जीवन सफर की राहों में , 
संघर्ष और जूनून से , 
अपने को इस लायक तो बना।  

हार जीत , सफलता -असफलता 
ये तो जीवन राह के पड़ाव है , 
ज़िन्दगी तो चलती जानी है , 
"विजय यात्रा " तो तुझे खुद बनानी है।   

1 comment:

  1. After reading this one... Feeling refreshed ,energised .... Thanks for such a motivational poem

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