Friday, March 15, 2019

होली


बरसे फाग के रंग ऐसे ,
तन मन तर हो जाए  ,
मन का मैल सब ,
पानी में बह जाए । 

लाल रंग गुस्सा ले जाये ,
काला रंग दुखो के साथ बह जाए  ,
रंग चढ़े अंतर्मन पर ऐसा ,
जीवन रंगमय हो जाए । 

बरसे और जोर से बरसे ,
फाग के रंग सब बिखर जाए  ,
हर चेहरा ऐसा रँगे ,
सब भेद मिट जाए । 

काले से सफ़ेद मिले ,
लाल से हरा मिल जाए ,
बने एक ऐसा रंग फिर ,
सब बासन्ती हो जाए। 

आयी है होली फिर से ,
रंगो का फाग हो जाए ,
जब धुले सबके चेहरे ,
सब नकाब हट जाए। 

फोटो साभार - गूगल   

1 comment:

  1. बने एक ऐसा रंग फिर ,
    सब बासन्ती हो जाए।

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