Wednesday, January 20, 2021

संतति

 

ये धरती न मेरी है , न तुम्हारी

हम सिर्फ कुछ समय के लिए ,

इसके सरंक्षक है ,

यह धरती आने वाली पीढ़ी की है ,

और हमें यह धरती उन्हें सौंप कर जाना है ,

जैसे हमें अपनी पुरानी पीढ़ी से थाती के रूप में मिली है।

 

हम ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना ही ,

इस धरती को सँवारने और बिगाड़ने के जिम्मेदार है ,

बाकी ईश्वर की जीवित रचनाये तो आज भी वैसी ही जी रही है ,

जैसे वो सदियों से जीती आ रही है,

हमें ही जिम्मेदारी लेनी होगी ,

इसके अच्छे या बुरे की ,

और हमें ही परिणाम भुगतना होगा,

हमारी संतति हमें बस इसी के लिए याद रखेगी।

 

 

 


1 comment:

  1. सच है
    धरती सबकी होते हुए भी किसी के नहीं है

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