Friday, June 13, 2025

इन्तजार

तुम मिलोगे दुबारा ? 

मैं नहीं जानता , 

मगर उम्मीद है , 

ज़िन्दगी के किसी न किसी , 

मोड़ पर , 

हम फिर टकरायेंगे , 

वो बात अलग होगी , 

तुम भी न जाने कितना सफर,

तय कर आये होगे, 

और मैं भी , 

मगर विश्वास तब तक , 

कायम रहेगा फिर मिलने का , 

जब तक ये दुनिया गोल रहेगी।  

2 comments:

  1. Wah लाजवाब लिखा है यार

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर पंक्तियां है।
    मेरे दोस्तों से मिलने की उम्मीद

    ReplyDelete