Monday, May 24, 2021

आँकड़े



आँकड़े दर्द बयाँ नहीं करते , 

वो सिर्फ सँख्या बताते है , 

सँख्या सिर्फ गणित का हिस्सा है,

कम -ज्यादा से किसी के गुनाह नहीं छिपते।  


आँकड़े पूरा सच कभी नहीं कहते,

छुपाये भी जा सकते है , 

और बढ़ाये भी जा सकते है , 

संख्या से सुख दुख कभी नहीं मापे जा सकते।  


मगर सरकारें अपनी सफलता विफलता  , 

इन्ही आँकड़ो से नापती है , 

नफा नुकसान का आँकलन करती है और , 

हर बार आँकड़ो के खेल में वही जीतती है।  


आँकड़ो का यह खेल , 

हर बार छुपा ले जाता है , 

अपने अंदर लाखो सिसकियाँ , 

मजबूरी, लाचारी और लापरवाहियाँ।    

 


2 comments: