Wednesday, June 26, 2024

पड़ाव

 


 अक्सर एक उम्र के पड़ाव पर ,

बच्चों को लगने लगता है ,

उनके माता -पिता ने ,

उनके लिये किया ही क्या है ?

फिर एक पड़ाव उन्हें ,

बार -बार  याद दिलाता है ,

जब उनके बच्चे हो जाते है ,

याद आता है अक्सर फिर ,

उनके माता -पिता ने बहुत त्याग किया है।

 

मगर इन दो पड़ावों के,

बीच का फ़ासला ,

कई बार बहुत लंबा हो जाता है ,

जीवन की आपाधापी में ,

वक्त निकलता जाता है ,

एक टीस सी फिर दिल को कचोटती है ,

अक्सर "धन्यवाद " कहने से पहले ,

माता -पिता का समय गुजर जाता है।

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