सारी चिंताएँ ,
कुछ खोने का डर ,
कुछ पाने की बेचैनी है।
सारा संघर्ष ,
कुछ पाने का ,
कुछ और पाने का हैं।
सारा दुःख ,
अपना नहीं है ,
दूसरों के सुःख का भी है।
सारी अशांति ,
बाहर ही नहीं है ,
मन के भीतर भी है।
सारी असफलताएँ ,
खुद की वजह से ही नहीं है ,
किसी के साथ नहीं देने से भी है।
सारी सफलताएं ,
अकेले की नहीं है ,
बहुतों से साथ से भी है।
सारी खुशियाँ ,
हमारी वजह से ही नहीं है ,
समय का साथ भी जरुरी है।
हमारा जीवन ,
सिर्फ हमारा नहीं है ,
किसी न किसी मकसद का है।
हमारा मकसद ,
हमने नहीं चुना है ,
उसने चुनकर भेजा है।
बेह्तरीन
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