Thursday, December 13, 2018

जीत



हारा नहीं तू अभी ,
वक्त अभी फिसला नहीं ,
हाँ, थोड़ा ताकत और लगानी पड़ेगी ,
अगर तुझे कोई गुरेज नहीं ,
वो देख , मंज़िल तुझसे मिलने के लिए ,
बाहें खोले है खड़ी। 

कौन आगे निकल गया ,
किसने क्या पा लिया
ये उनकी मेहनत और किस्मत ,
तूने भी मेहनत की ,
थोड़ा सा ही शायद रह गयी कमी। 

चल , उठ और फिर खड़ा हो ,
उम्र कोई बाधा नहीं ,
होंगी परिस्थितियां विपरीत भले ही ,
कर्मयोद्धा बन ,
लड़कर जीतना ही सही। 

याद रख इतिहास वो ही रचते है,
जो जज्बा और जूनून रखते है ,
कर्मो से अपने जो तूफ़ान उठाते है ,
बस वही याद रह जाते है। 



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