अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में आजकल ,
गजब बवाल चल रहा है ,
नए समीकरण बन रहे है ,
पुरानो का हिसाब किताब चल रहा है।
ट्रंप साहब बौराये से घूम रहे है ,
पुतिन जी अपनी धुन में रमाये है ,
जिंगपिंग साहब का पड़ोसी से मोह हो गया है ,
नेतन्याहू अरब में गरज रहे है।
अस्त्र शस्त्रों का व्यापार जोरों पर है ,
समीकरण इधर -उधर हो रहे हैं ,
भय जनता में बैठाया जा रहा है ,
कमीशन से मालामाल नेता हो रहे है।
बगल में इक पड़ोसी को समझ नहीं आ रहा है ,
दाना -पानी को मोहताज न जाने किस युग में जी रहा है ,
हेकड़ी न जाने किस बात की है ,
अंतर्राष्ट्रीय भीख लेकर आतंकी पाल रहा है।
अब भारत नए युग में जी रहा है ,
जैसे को तैसा का नया सूत्र गढ़ रहा है ,
बहुत सबक सीख लिये हमने इतिहास से ,
शक्ति से शांति का मार्ग चुन रहा है।